
मादुरो ने डब्ल्यूटीओ को "मरणासन्न" घोषित किया, क्योंकि वैश्विक ट्रेड अराजकता की ओर बढ़ रहा है।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन (WTO) को लेकर एक साहसिक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि वैश्विक ट्रेड अब "जंगल के कानून" के अनुसार चल रहा है, जहां अधिकार और नियमों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
मादुरो ने ज़ोर देकर कहा कि WTO "मरणासन्न" स्थिति में है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह संगठन कब या क्या कभी भी ठीक हो पाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर अब जंगल का कानून हावी हो गया है।
उन्होंने एक छोटा सा ऐतिहासिक संदर्भ भी दिया, यह बताते हुए कि लगभग 80 साल पहले WTO की नींव रखी गई थी, जिसका उद्देश्य ट्रेड में सहयोग और राष्ट्रों के बीच आपसी सम्मान के नियमों को स्थापित करना था। लेकिन अब, उन्होंने चेतावनी दी कि यह संगठन गंभीर रूप से घायल है और इसके परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं।
मादुरो के अनुसार, वर्तमान वैश्विक ट्रेड युद्ध और अंतरराष्ट्रीय कानूनी नियमों का विघटन एक ऐसी स्थिति बना रहा है जो जंगल जैसी लगती है, जहां सहयोग से ज़्यादा अहमियत अब केवल "बचाव की प्रवृत्ति" को दी जा रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिछले हज़ार वर्षों की सभी बड़ी जंगों की जड़ें गहरे आर्थिक संघर्षों में थीं, जो ज़मीन और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी थीं।
WTO द्वारा कभी बनाए गए नियमों ने राष्ट्रों के बीच संप्रभुता, शांति और समृद्ध सह-अस्तित्व का एक बड़ा अवसर प्रदान किया था। लेकिन समय के साथ, न केवल उन नियमों को बल्कि WTO की प्रामाणिकता को भी दरकिनार कर दिया गया है।